होली की शुभकामनाओं के साथ साझा कर रहा हूँ अपनी एक कविता ‘रंग’
~ प्रेम रंजन अनिमेष
रंग
रंग वह
जो सदा रहे संग
रंग वह
जिसमें
कभी पड़े न भंग
रंग तो
निर्मल
मन की उमंग
रंग तो
पुलकित
तन की तरंग
रंग तो
वह
जो जीवन
का अंग
रंग तो
वह
जो प्रकृति
का प्रसंग
रंग तो
प्रेम
सा अनंग
रंग तो
पानी
सा निरंग
इस दुनिया
में
जहाँ
हर ओर
सत्ता
प्रभुता की जंग
रंग किसी
शिशु सा
नंग निहंग...!