'अखराई' में इस बार साझा कर रहा अपनी हाल की एक कविता ‘आम अनाम की शक्ति पूजा’, जिसे आप सबने बहुत सराहा है । प्रख्यात रंगकर्मी एवं लब्धप्रतिष्ठ अभिनेता श्री राजेंद्र गुप्ता जी के भावपूर्ण पाठ के जरिये भी यह कविता बहुतेरे कविता प्रेमियों तक पहुँची और प्रशंसित हुई है । तो आप सबका अतिशय आभार व्यक्त करते हुए सादर प्रस्तुत कर रहा अपनी यह कविता
~ प्रेम रंजन अनिमेष
आम अनाम की शक्ति पूजा
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माँ
यदि सचमुच है
तुममें शक्ति
तो इस धरती को अब तक
पापियों आतताइयों से
मिली नहीं क्यों
मुक्ति
जिनसे यह संसार भरा
है
क्या तुमने अखबार
पढ़ा है ?
बरस बरस तुम्हारी
साधना
क्या आदमी को आदमी
पायी बना ?
सुना
अब अन्यायी अनाचारी
दुराचारी
भ्रष्टाचारी स्वेच्छाचारी ही
साध रहे तुम्हारी
भक्ति
और जो अच्छे
जो सच्चे
होने लगी उन्हें
विरक्ति
तुम्हारी शक्ति
क्या कुछ नहीं कर
सकती
माँ
सचमुच क्या
कुछ नहीं कर सकती...?
प्रेम रंजन अनिमेष