गुरुवार, 9 मार्च 2017

एक रंग



शुहोली !

रंगोत्सव की बधाई के साथ
पिछले वर्ष प्रकाशि‍त अपने कविता संग्रह 
अँधेरे में अंताक्षरीसे एक कविता
प्रस्तुत कर रहा इस बार
गालों पर गुलाल की तरह
आपके लिए...

                         - प्रेम रंजन अनिमेष


एक रंग

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एक रंग
सूर्योदय और सूर्यास्त

एक रंग
हँसी रुलाई

एक रंग
आँसू ओस

एक रंग
पानी और धूप
  
एक रंग
चीनी नमक
दवा जहर

जीवन मृत्यु
एकमेक
इस समय में

पता नहीं
सुबह है या शाम

जाने और आने की
एक ही चाल
एक ही ताल

बहुत बारीक फर्क
विलक्षण और बावले में

केवल रंग पर मत जाना
खाली रूप पर...


                  - प्रेम रंजन अनिमेष