सोमवार, 14 नवंबर 2011

कविता श्रृंखला कुछ प्रमाणपत्र

( कविता श्रृंखला )

जन्म प्रमाणपत्र

तुम्हारी किलकती रुलाई
दुनिया में पहुँच गयी

पर तुम्हारा आना
अभी प्रमाणित होना
कागज पर

कागज का यह कारोबार
तुम्हारे पिता को घबड़ाता

कोई कागज बढ़ नहीं पाता
बिना कुछ रंगीन पंख लगाये

सबके लिए हो तुम
पर उनके लिए
तुम्हारा होना
अभी बाकी है

धरती पर उतर चुके
मगर पन्ने पर
उतरना है


वह कागज हर जगह ढूँढा जायेगा
और उसके लिए
जाना होगा उनके पास
जो बेचते हैं कागज
कागज के मोल
हरे कागजों के मोल

कागज के कुछ टुकड़ों पर
साबित कर देंगे वे कुछ भी
कि ईश्वर है
हो चुका नया जन्म उसका

कागज नहप
तो कोई अस्तित्व नहप
कोई प्रमाण

अनसुना
तुम्हारा रोना
अजाना
तुम्हारा होना

आ तो गये यहाँ
मगर दाखिल होने नहप दिया जायेगा

सोचता पिता तुम्हारा
जायेगा
किसी तरह
तुम्हारे होने का प्रमाणपत्र बनवायेगा

इस तरह
जन्म से ही
शुरू हो जायेगा दुष्चक्र

स्रोत से ही
जल में
मिलने लगेगा मैल ...

अनापत्ति प्रमाणपत्र



मैं इस ऐतिहासिक देश का जिम्मेदार नागरेक
ठीक ग्यारह बजकर पचपन मिनट पर
जब आदमी सबसे अधिक होशोहवास में होता
और घड़ी बेताब
यह घोषित करता हूँ

कि मुझे कोई आपत्ति नहप

राजा के राजा
और प्रजा के प्रजा होने पर
अमीरों के अमीर
गरीबों के और गरीब बनते जाने पर
रास्तों के चलते रहने
मंजिल के न आने पर

कोई आपत्ति नहप है
अगर सब शांतिपूर्वक मिल लूट बाँट कर खायें
कोई किसी के आड़े न आये
आये भी तो न टकराये
अपनी ओर उँगली उठने पर ऊँचे आसनों पर बैठे हाकिम
औरों को अधिक अधम बतायें
कहपं से गुजर न हो बिना एक हरी पत्ती दिखाये
अनैतिकता और अराजकता को शोभनीय पदों में सजाया जाये

क्या आपत्ति हो सकती है भला किसी को
यदि शब्दों से अर्थ छीन लिये जायें जैसे आदमी से अधिकार
काम से अधिक हों बेकार और हौसलामंदों से अधिक लाचार
कोने कोने चस्पाँ इश्तिहार और हर हरकत लगे प्रचार
जो कुछ घर में हो रहा हो हमेशा उसके लिए कोई बाहर का जिम्मेदार








नहप कोई आपत्ति
न्यायालय हो जायें न्याय के नीलामघर
संसद बेमकसद बहसों का कोषागार
आदमी चलता फिरता संग्रहालय ऐतिहासिक भूलों का

नहीं कोई आपत्ति नहप
भूखे खाली पीली सम्मान की रोटी खायें
शोहदों को अपना प्रतिनिधि बनायें
देश विश्व के मानचित्र पर उभरे सबसे बड़ा बाजार कहाये
प्यार इतना सहज कि चलते फिरते किसी के साथ किया जाये
और खुशी इस तरह सुलभ कि चिकने चुपड़े अदाकार झोंपड़ों तक जायें
धर्म ऐसा सायादार कि उसकी आड़ में किसी पर किया जा सके प्रहार
गाड़ियाँ इतनी विलंबित कि प्लेटफॉर्म पर इंतजार हो सामूहिक त्योहार

आपत्ति नहपं अगर किसी को आपत्ति नहपं
आपत्ति नहपं किसी को हो भी तो
खुश हूँ प्रसन्न हूँ संतुष्ट आपत्ति नहप जहाँ तक
मेरा सवाल है
मेरा सवाल नहप तब भी कोई आपत्ति नहीं

मैं इस सुविधासंपन्न धैर्यवान महान देश का
मामूली नागरिक यह घोषणा करता
जिससे भी हो इसका वास्ता
हालाँकि किससे किसका वास्ता

प्रमाणपत्र तो पूरा हो गया
फिर भी फिर से दुहराता हूँ
मुझे कोई आपत्ति नहप
यह घोषणा सुनी जाये न सुनी जाये
इसे प्रमाण माना न माना जाये...



अशेष प्रमाणपत्र



मुक्ति के जहाज पर होने को था सवार
कि मुझे रोक लिया गया
मुझसे कहा गया
पहले यह प्रमाणपत्र ले आऊँँ कि मेरे ऊपर
किसी का नहप कुछ बाकी

उस विद्यालय से जहाँ पढ़ा
उस न्यायालय का जहाँ नहप गया
उस दुकान से जहाँ से खाये पान
उस नाई का जिसने आखिर बार बनाई हजामत

गरज कि हर जगह से लिखा लाऊँँ
जहाँ रहा जहाँ से गुजरा
जहाँ काम किया जहाँ आराम
मंदिर से क्योंकि सदाचारी हूँ
कसाईघर से हालाँकि शाकाहारी हूँ
ठोस पुख्ता लिखित प्रमाण
कि किसी का कोई तकादा नहपं मुझसे

तवायफों को जताना है
कि उनके घेरे में कभी आने से रहा
कवियों को बताना है
कि उनका गीत कोई नहप गाया

हवा का धूप का आग पानी का
आश्वासन तो है मेरे पास
कि वे कोई दावा नहप करेंगे
रास्तों की भी सम्मति
कि हमेशा पूछ कर चला उन पर

लेकिन और कितने जिनसे था साबका
उन सबके पास जाना
सबसे अपने को आजाद कराना



कुछ का तो कुछ ठीक नहप
कोई बड़ा बकाया मगर
होता जो सिर पर
तो क्या इस तरह मजे से चल पाता

मैंने बात रखी अपनी पर मुझे बताया गया
कि इसमें धोखा हो सकता
जिसके ऊपर सबसे अधिक कर्ज
वही अधिक तेज चलता
और आगे आगे जाने को तैयार

प्रमाणपत्र तो बहरहाल लाना ही होगा
क्योंकि न ही मैं कोई जाना माना आदमी
न पहचान पहुँच वाला
इतना अदना हूँ कि यह भी नहप पता
किसका मेरे पास कितना है
या कहप मामला इससे उलटा है

दर दर भटक रहा अभी
पर उम्मीद है यह प्रमाण दे पाऊँँगा
और जल्दी ही
मुक्ति के जहाज पर सवार हो जाऊँँगा...












संपत्ति प्रमाणपत्र



प्रमाणित किया जाता है
कि ये जो ऊँचे पद ऊँचे कद वाले जनसेवक


यह थैला यह कुरता
यह चश्मा यह जूता
यह घड़ी और छाता

बस
यही
इनकी
अपनी संपत्ति

और जो ये बागान दुकान
बंगले गाड़ियाँ आलीशान
कारोबार बाजार भंडार
खेत बधार अकूत अपार

सब औरों का है
बात मानें
यकीन करें

और नहपं तो भला आप
क्या कर लेंगे ...?



जीवन प्रमाणपत्र


बहुत उम्र वाले बूढ़े को
बहुत थोड़े पेंशन के लिए
चाहिए
जीवन प्रमाणपत्र

चिकित्सक कहता देखकर
जीवन अब आधे से कम है
तुम्हारे हिस्से में
इस लिहाज से
जीवन का प्रमाणपत्र देना तुम्हें
जोखिम होगा

वकील बेलाग बोलता
पहले करो बंदोबस्त मेरी मोटी फीस का
फिर अगर मर भी चुके होगे
तो जिंदा साबित कर दूँगा

अराजक राजकीय अधिकारी
पूछते तुम्हें जीवन प्रमाणपत्र देने से भला
क्या फायदा होगा देश का
महकमे और हमारा
वे सवाल करते ऊपर से
हाथ बढ़ाये मेज के नीचे
बूढ़ा कुछ समझ नहप पाता हैरान परेशान
लाठी टेकता चला जाता

जीवन आप अपना प्रमाण
होता है
पर नहप देता प्रमाणपत्र कोई
दार्शनिक मुसकुराता

पुरोहित बतलाता
यह जीवन दरअसल
एक दूसरे जीवन की तैयारी
और तैयारी का क्या कोई प्रमाण
देना या बनाना
पूरी होते चले जाना
दुनिया है इसका मतलब
कुछ सीधे भले लोग हैं जरूर इसमें
विचारक अपने विचार दर्ज करता
मगर क्या हो सकता है भला
एक सीधे सादे भले आदमी
के जीवन का प्रमाणपत्र

ज्ञानी कहता
जीवितों से अधिक इस पृथ्वी पर
आबादी मरे हुओं की
चलती फिरती लाशें दिखाई देतप
मुझे हर ओर

समाजशास्त्री समझाता
समूह के साथ है जीवन
अगर तुम हो अकेले बेसहारे
तो कहना मुश्किल
कि जीवन है तुममें

विद्रोही ललकारता
कुछ करो
उथल पुथल कोई हंगामा
तुम्हारा जीवन खुद ब खुद
न सिर्फ प्रमाणित होगा
बल्कि प्रामाणिक

बूढ़ा फिरकर वहाँ जाता
जहाँ उसका पहला खाता ग
कि हस्ताक्षर देखकर
कोई प्रतिहस्ताक्षर कर दे
लेकिन वे कहते उसकी आँखें
ठीक से नहप देख पातीं उँगलियाँ थरथरातीं

उसकी लिखावट में विचलन है
कुछ भी प्रमाणित करना कठिन है

वैसे एकदम हताशा की बात नहप
ऐसा नहप कि नहपं कोई

कलाकार है
जो उसका जीवन प्रमाणित करने को तैयार है
पर कला का साक्ष्य किसे स्वीकार है...




कर प्रमाणपत्र



तुम्हें भरना होगा कर
उन सारे रास्तों का
जिन पर तुम चलोगे

उन हवाओं का
जिनमें लोगे साँस

उस जल का जो तुम्हें छुयेगा
जगायेगा तुममें प्यास

उन लवों का जो उजाला करेंगी तुम्हारे लिए
उस आग का जो तुम्हें दहकायेगी

उस प्यार का जो किसी को करोगे किसी से पाओगे
उस नाम का जिससे जाने जाओगे

वे पते ठिकाने जो तुम्हें इस दुनिया में मिलेंगे
वे खेल खिलौने जो बहलायेंगे छलेंगे

अभी जो है
आगे जो होगा
उस हिसाब से
सबका पूरा पूरा
और अग्रिम कर

किसी गर्भ में प्रवेश से पहले

माँगा देखा खोजा जायेगा प्रमाणपत्र यह
दुनिया के दरवाजे पर


वैधता प्रमाणपत्र



मैं एक मामूली आदमी
जो कहप कुछ कोई नहप
यह प्रमाणित करता हूँ

कि प्यार अब भी चलन में है
रिश्तों में अब भी है आँच
सच एकदम से अकेला नहप

हवा पूरी दूषित नहप हुई
जल तल तक नहीं हुआ गँदला
मिट्टी अब तक उर्वर
आसमान ऊपर
और उसमें कितने ही पर हैं

इस डूबती वेला में
कितने सारे स्वर हैं ...



शुचिता प्रमाणपत्र



एक लड़की का
थका हारा बेसहारा पिता
मैं
लिखकर देने को हूँ तैयार
कि यह सोलह आने खरी

देखा तक नहप किसी की तरफ आँख उठाकर
अकेले में किसी से की नहप बात
कहप गयी नहप
न कोई चिट्ठी लिखी अपनी ओर से
न किसी इशारे का दिया जवाब
सदा ओट में रही वैद हकीमों ने भी छुआ नहप
नहायी भी पूरे कपड़ों में बारिश में नहप भीगी कभी

न कूल किनारे तोड़े न देहरी लाँघी
कुछ भी नहप किया अब तक
जो करेगी आप ही की छाँव
मरजी मुताबिक आपके

निर्मल जल की तरह
इन भरी हुई आँखों के अंजुल से
सीधे आपके पात्र में ढलेगी

आपका संशय सहज है पुरुषोचित
लेकिन प्रार्थना है
चाहे जिसकी सौगंध दें
इस लाचार पिता की बात
कृपा कर मान लें
जाँच की बाध्यता न धरें

आप तुष्ट तो हो जायेंगे
यह लड़की मगर
मर जायेगी
फिर जी नहप पायेगी

पिता का कहा झूठा हो सकता है
तो चिकित्सकों के प्रमाणपत्र भी तो खरीदे जा सकते...



आरोग्य प्रमाणपत्र



फूलों को रखना होगा
यह प्रमाणपत्र
अगर वे रहना चाहते बागीचे में

मछलियों को
यदि तैरना वे चाहें सरोवर में

परिंदे तभी परवाज कर पायेंगे आसमान में
जब इसे दिखायेंगे

काम ढूँढने कहप भी जाने के लिए
लड़की को किसी घर में रह पाने के लिए
और तवायफों को कोठों पर
साथ रखना होगा यह प्रमाण
और जब चाहे कोई प्रस्तुत करना

यह मिट्टी दूषित हो गयी है जल गँदला हवा विषैली
पर अपने पास यह प्रमाणपत्र होना जरूरी

फिलहाल जरा इंतजार करें
कतार में रहें
अपने हाथ धोने गया है वह
जो देगा यह प्रमाणपत्र ...



पात्रता प्रमाणपत्र


आवेदन के साथ
शपथपूर्वक निवेदन है
मेरे पास
इस चाकरी के लिए
आवश्यक पात्रता है

झूठ बोलता नहप पर बोल सकता हूँ
फरेब किया तो नहप कर लूँगा
यदि आदेश होगा

भीड़ के
धक्के सहने का
आदी हूँ
ठोकरें खाने का
जरूरत हुई
तो दे भी दूँगा लगा दूँगा

पैसे पास नहप
इसीलिए तो जरूरी
यह चाकरी
लेकिन पहले कुछ देना
अघोषित शर्त हो अगर
तो क्या करूँगा
करूँगा उधार पर जुगाड़

यह चाकरी मगर मुझे चाहिए ही
यकीन मानिये
मुझमें हर योग्यता है
( हर आदमी में होती
जो समय पर सामने आती
पर इस समय कहना उचित नहप... )

दुआयें चाहिए
तो वह भी ले लीजिये
हों अगर
बच्चे आपके फूलें फलें ...



और कैंसे भरोसा दिलाऊँ
कि पात्र हूँ
रात भर सोता खुले में
तो ओस से भर जाता
भीतर तक तर
बहुत रगड़ा घिसा गया
पर अब तक पेंदे में नहप छेद
हो जाये
इससे पहले
चाहता हूँ
लग जाऊँ कहप
बस जाऊँ
मिल जाये
काम लायक कोई काम

जो चलाते देश दुनिया
उनके लिए नहप कुछ
उनसे तो नहप कोई पूछता
क्या उनकी पात्रता

अदने लोगों के लिए
दो कौड़ी की चाकरी के लिए
सारी पात्रतायें

आपका अधिकार है
हमें स्वीकार है

अगर ईमान और उसूलों के रास्ते पर चलते जाना
खत्म करना है अपने आप को
तो उसके एक सीढ़ी पहले
ठिठक गया हूँ

जिंदा रहूँगा तभी लड़ सकता कोई लड़ाई

इसलिए जीना चाहता हूँ

और शपथपूर्वक निवेदन करता हूँ
कि मैं जीने की सारी पात्रता रखता हूँ


अनुभव प्रमाणपत्र



बिना अनुभव के
अब कोई काम नहप
और बिना काम के
अनुभव आये कहाँ से

तकलीफ है कि यह बात सीधी सी
किसी की समझ में नहप आती

यहाँ तक कि
प्रेम में भी
माँग अनुभव की
संगी ढूँढते सभी
अस्पर्शित मगर अनुभवी

मरता क्या न करता
इस बार मैंने भी
आवश्यक अनुभव का नहप
अनुभव प्रमाणपत्र का
जुगाड़ कर लिया

पानी में
कई बार डाले पैर
और हर बार
अनुभव हुआ नया

नहप जानता
किसी नये काम में
अनुभव पुराना
कितना काम आता

पर जरूरत थी
तो बनवा लिया

इसी तरह
और अभ्यर्थियों ने भी
होंगे बनवाये

और जिस काम का
सच में उन्हें
नहप कोई तजुर्बा
उसके बारे में इकट्ठा कर ली होगी
सारी जानकारी
कि पूछते
सब बता दें
कहप से पकड़ में आने की
कोई गुंजाइश न रहे

पर आप किसी तरह
ऐसा नहप कह सकते
कि यह प्रमाणपत्र झूठा है

इस तरह से
प्रमाणपत्र जुटाना भी
अपने आप में एक अनुभव है...


शुद्धता प्रमाणपत्र



घबराइये
नहप
आइये

यहाँ सब कुछ ठीक ठाक है

पानी उससे ज्यादा खरा
जितना इन दिनों मिलता
हवा उससे ज्यादा साफ
जितनी हुआ करती
आग उससे अधिक पवित्र
जितनी अब हो सकती

सड़कें इससे पुख्ता होंगी
तो टूट जायेंगी
सोना इससे शुद्ध होगा
तो उसका कुछ नहप बनेगा
दाम इससे कम होंगे
तो खरीदार सस्ते लगेंगे

मसाले हुए और असली
तो होंगे बेहद तीखे
दवायें पूरी कारगर
मरीज नहप सह पायेंगे
दाने और धुलेंगे
फिर नहप पचेंगे

तेल देखिये
तेल की धार
यह तिलहनों का ही है
दालें दलहनों की ही

दूध इससे साबुत हुआ
तो छौने मारे जायेंगे
आप स्वयं इतने पवित्र हुए
फिर नहप पहचाने जायेंगे


घबराइये
नहप
आइये

मिलिये मिलाइये


अब बनती
इसी तरह है

इस दुनिया में अपनी पहचान बनाइये... !


विकलता प्रमाणपत्र


इस प्रमाणपत्र में लिखा है
कि मैं विकलांग हूँ
इस तरह काम में सफर में आराम में
कई जगह कई मौकों पर
रियायतें सुविधायें और भरपाई
पाने का हकदार

दुनिया में बहुत लोग हैं जो सच में विकल
पर उनके पास नहीं कोई प्रमाण इसका
यह भी एक विसंगति है
और हर विसंगति व्यवस्था की विकलांगता

इस प्रमाणपत्र में हालाँकि
हल्का सा ऐब है
इसमें मेरी विकलांगता के प्रतिशत
का तो उल्लेख है
पर उसके ठिकाने का नहीं

आप चाहें तो देख सकते हैं
एक सिरे से सिर या
पैर से ठीक है पैर से ही
अगर शुरू करना चाहते हैं
यें तो यहाँ काफी कुछ होता बेसिरपैर

नहीं मैं खुद नहीं बताऊँगा मेरी विकलांगता कहाँ
खुद बताऊँ भी क्यों अपनी विकलांगता के बारे में
आपको देखने में तकलीफ हो रही
तो आवरण हटा सकता हूँ जितना
सभ्यता के साथ हटाया जा सकता
चाहें तो तलाशी ले सकते टटोल सकते
अगर ऐसा करना आपको संतुष्ट करता हो
केवल इतना ध्यान रखियेगा कुरेदियेगा नहप
क्या कहा ऊपर से नीचे तक देख लिया गौर किया
कहप आपको नजर आ नहप रही कोई विकलता



पर क्या नजर आना जरूरी है
वह छिपी भी हो सकती है भीतरी
सोच की दिल या दिमाग की
इतने प्रतिशत विकलांगता तो
कम होंगे जिनमें होगी नहपं
प्रमाण नहप इसका सबके पास जैसा मैंने पहले कहा

मेरा प्रमाणपत्र मेरी विकलांगता का सबूत
वह मुझमें है या नहप इसका कोई मतलब नहीं
प्रमाणपत्र कहता है मैं विकलांग हूँ प्रमाणित विकलांग
अगर फिर भी विकलांगता मेरी आपको नहप दिखाई देती
तो यह आपकी दृष्टि की विकलांगता हो सकती

आप कह रहे हैं आपको प्रमाणपत्र पर संदेह है
अपना प्रमाणपत्र दिखाते हुए कि आप
जाँच अधिकारी
तो मैं कहूँ
उतना ही संदेह के दायरे में है आपका प्रमाणपत्र भी
और अपने प्रमाणपत्र से पहले मैं चाहता हूँ
जाँच हो आपके प्रमाणपत्र की

क्या कहा मेरा प्रमाणपत्र आपने जब्त कर लिया
तो फिर यह देखिये आपका प्रमाणपत्र मेरे पास
और मैं चला दौड़ा भागा तेजी से
मुझसे पहले आपकी शिनाख्त होगी
मेरी पहुँच पर तो आपको कोई शक नहप...



चरित्र प्रमाणपत्र



बुलावा आया तो हुआ खुश
इतने दिनों की मेहनत लगन काम आयी
खत्म हुई बेकारी लाचारी
घरवालों ने गले लगाया
दोस्तों ने थपथपाई पीठ

नियुक्तिपत्र के साथ एक और औपचारिकता का उल्लेख था
अपना चरित्र प्रमाणपत्र बनवाकर साथ ले जाना था

औपचारिकता है बस जिन्होंने देखा कहा
इतने अच्छे हो तुम सज्जन सुशील

चरित्र तो था
प्रमाण हासिल करना था
इसे अगर उनसे लेना होता
जिनसे मिलता जुलता था रोज जिनके साथ जीता
फिर तो कोई बात नहप थी
जैसे मोची नाई अखबारवाले फोटोवाले
या उस कुंजड़िन से जो हमेशा बच्चा बोलती
या नाके पर बैठे लंगड़े भिखारी से
जो ’बाबू‘ बुलाया करता

किंतु प्रमाणपत्र उनसे लेना था
जिन्हें मैं जानता न था
और जिनके लिए शायद
अस्तित्व ही नहपs था मेरा

पहचान पैरवी पैसा
कोई हो आधार तो आसान
तजुर्बेदारों ने बताया
पर अपने पास इनमें से कुछ था कहाँ


पैसे नहप दे सकते चलो कोई बात नहप
नेताजी का दिल दरबार बड़ा
पाँच पत्तों की पाँच तरह की बँधवा लो मिठाई
उन्हें भला कोई क्या देगा पर साथ लगे आली महाली
उनको तो कुछ मिलना लगना चाहिए
लेनी देनी कहाँ यह तो रीत हुई अपनी
हो तो बँटनी ही चाहिए खुशी फिर देखो बढ़ेगी वह कितनी...
आखिर इलाके के एक छुटभैये ने तरस खाकर सँभाला मामला

उधार की मिठाई चमकती चमचमी में बाँधे
पहुँचा सिर झुकाये नेताजी ने देखा एक बार
फिर कागज का एक टुकड़ा लिखकर बढ़ा दिया
जाओ काम हो जायेगा

जिससे होना था काम
पावरवाले चश्मे के पीछे सिकुड़ी आँखों से
उस प्रथमश्रेणी पुरुष ने पुर्जे को फिर मुझे
देखते कहा मैं तो तुम्हें नहप जानता

यही तो सबूत है इसके चरित्र का
छुटभैये ने पान मसाले की खुशबू
वातावरण में बिखेरते कहा ठठाकर

इस तरह काम हुआ मैं काम का
उस दिन उस तिथि उस क्षण कागज पर यह दर्ज हुआ
कि मेरे पास चरित्र था

जहाँ काम करना था जो काम
उसके लिए इसी प्रमाण की तो थी जरूरत
सो वह काम आया और मैं भी ...







मृत्यु प्रमाणपत्र


यही अंतिम पहचान
और पाना एकदम आसान

जगह जगह सूचनायें उद्घोषणायें

पता किया है
यह भी उतना ही
सहल
जितना दूसरे प्रमाणपत्र

अब चूँकि काम है
इसलिए इसका भी दाम है

कफन का भी सौदा होता जब
फिर इसमें किसी रियायत की
उम्मीद क्यों

सवाल है
इतना कौन करेगा
अपने पीछे
अपने बाद
रहे तो कोई नहपं
करता याद

जैसे सब किया धरा
सारे खाने पूरे
समझदारी तो यही
अपने जीते जी
यह भी एक प्रमाणपत्र
रख लिया जाये बनवा कर...

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1 टिप्पणी:

  1. अद्भुत कविताएं हैं ये। मैं सोच भी नहीं सकता था कि जीवन के इस ज़रूरी पक्ष पर भी इतनी संवेदनापूर्ण कविताएं लिखी जा सकती हैं। बधाई

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