गुरुवार, 28 दिसंबर 2017

नये साल का तराना




नये वर्ष की शुभकामनाओं के साथ अखराई में इस बार अपना यह नये साल का गीत प्रस्तुत कर रहा हूँ जो कुछ वर्ष पहले आउटलुक हिंदी के साल के पहले अंक के पहले पन्ने पर प्रका‍शि‍त हुआ था और चर्च‍ित भी । इसे अपनी तर्ज़ और आवाज़ में रिकॉर्ड भी किया है जि‍सकी एक सुुंदर सुरुचि‍मय प्रस्तुति‍ लिंक https://youtu.be/k1GOC1VYyj4  पर उपलब्ध है । 

एक बार पुन: अनेक मंगलकामनाओं और शुभकामनाओं के साथ


नये वर्ष में...
                 ~ प्रेम रंजन अनिमेष


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मंगलमय  हो   नया  वर्ष ये
शुभ अतिशय हो  नया वर्ष ये


पर्वत   की   ऊँचाई
सागर   की  गहराई
नभ की अभय उड़ान
मन की  मीठी  तान

मिले  आपको  नये  वर्ष  में


जल की मृदुल तरलता
बादल  की  विह्वलता
बच्चों  की   मुस्कान
शुभ   कोई  अनजान

मिले  आपको  नये  वर्ष  में


सपनीली  सी  रातें
भूली  बिसरी  बातें
रोशन  इक पहचान
निखरा नया विहान

मिले  आपको  नये  वर्ष  में


सचमुच की  सच्चाई
और  भली  अच्छाई
भावों का  धन धान
अनुभव का  अरघान

मिले  आपको  नये  वर्ष  में


दृष्टि नयी  'अनिमेष'
प्रेम  प्रखर   परिवेश
जीने   का  अरमान
जीवन  का  सम्मान

मिले  आपको  नये वर्ष में


बढ़ें जुड़ें  सब  नए  हर्ष में
सबके हित के नव विमर्श में
जीवन जग के नवोत्कर्ष में...!


              ~ प्रेम रंजन अनिमेष 


1 टिप्पणी:

  1. अद्भुत रचना
    भूली बिसरी बातें ज़रूरी नहीं की अच्छी ही हो .

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